युक्तियुक्तकरण के नाम पर प्रदेश सरकार स्कूली बच्चों और बेरोजगारों के भविष्य से कर रही खिलवाड़: होरीराम साहू
कांग्रेस ने युक्तियुक्त करण के नाम पर घेरा बीईओ कार्यालय कवर्धा
कवर्धा। प्रदेश की भाजपा सरकार की युक्तियुक्तकरण नीति के विरोध में गुरूवार को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के आव्हान पर ब्लाक कांग्रेस कमेटी कवर्धा ग्रामीण द्वारा एक दिवसीय धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष होरीराम साहू उपस्थित थे। श्री साहू ने धरना प्रदर्शन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार लगातार जनविरोधी नीतियां लागू कर रही है। सरकार की युक्तियुक्तकरण नीति भी इन्ही में से एक है। युक्तियुक्तकरण रोजगार विरोधी तथा शिक्षा विरोधी कदम है। इससे प्रदेश में 45000 से अधिक शिक्षकों के पद समाप्त हो जायेंगे। 10463 स्कूल सीधे तौर पर बंद कर दिए गए है, नऐ सेटअप के नाम पर स्कूलों में शिक्षकों के न्यूनतम पदों की संख्या में कटौती करके शिक्षक के हजारों पद खत्म कर दिया गया है। श्री साहू ने कहा कि भाजपा की रमन सरकार के कार्यकाल के दौरान भी प्रदेश में 3300 से अधिक स्कूलों को बंद किया गया था, 12000 शिक्षकों के पद को खत्म किया गया था। वर्तमान में छत्तीसगढ़ में प्राइमरी स्कूलों में 21 छात्रों के बीच एक शिक्षक है, इस अनुपात को बढ़ाकर 30 छात्र प्रति शिक्षक और इसी तरह मीडिल स्कूलों में 26 छात्र प्रति शिक्षक के अनुपात को बढ़ाकर 35 छात्र प्रति शिक्षक किया जा रहा है। जिससे शिक्षकों के एक तिहाई पद खत्म हो जायेंगे। जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष होरीराम साहू ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार द्वारा युक्तियुक्तकरण के नाम पर स्कूलों को जबरिया बंद किए जाने से न केवल शिक्षक बल्कि प्रभावित 10463 स्कूलों मेें संलग्न हजारों रसोईया, स्लीपर और मध्यान भोजन बनाने वाली महिला, स्वसहायता समूह की बहनों के समक्ष जीवनयापन का संकट उत्पन्न हो गया है। नए सेटअप के तहत सभी प्राइमरी, मिडिल, हाईस्कूल और हायर सेकेण्डरी स्कूलों में शिक्षकों के न्यूनतम पदों में कटौती के चलते युवाओं के लिए नियमित शिक्षक के पद पर नई भर्ती के अवसर भी कम हो जाएंगे, शिक्षा के स्तर पर बुरा असर पडऩा निश्चित है। उन्होने कहा कि अधिनायकवादी भाजपा सरकार ने इतना बड़ा अव्यवहारिक निर्णय लेने से पहले ना प्रभावित वर्ग से चर्चा की, न ही प्रदेश के भविष्य के बारे में सोचा। इतना बड़ा निर्णय थोपने से पहले न शिक्षक संगठनों की राय ली गयी, न पालक संघ से पूछा गया, न ही शिक्षाविद और छात्र संगठनों से कोई चर्चा की गयी। सरकार के इस शिक्षा विरोधी फैसले के खिलाफ पूरे प्रदेश में आक्रोश है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक ही प्रदेश में 58000 से अधिक शिक्षकों के पद रिक्त हैं, हर महीने सैकड़ों शिक्षक रिटायर हो रहे हैं, कई वर्षों से शिक्षकों का प्रमोशन रुका हुआ है, स्थानांतरण को लेकर कोई ठोस पॉलिसी बना नहीं पाए, समयमान वेतनमान का विवाद अब तक लंबित है। ऐसे में यही लगता है कि युक्तिकरण के नाम पर शासन-प्रशासन शिक्षकों को डरा कर वसूली करना चाहती है। लेकिन कांग्रेस ऐसा नहीे होने देखी। श्री साहू ने कहा कि सरकार की जनविरोधी नीति के खिलाफ हम लड़ाई लड़ रहे है और आगे भी लगातार लड़ते रहेंगे। वहीं महिला कांग्रेस की अध्यक्ष श्रीमती सीमा अग्रम अनंत ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा सरकार युक्तियुक्तकरण की आड़ में शिक्षकों के ट्रांसफर, पोस्टिंग के नाम पर वसूली करने के लिए यह हथकड़ा अपना रही है। जिसके लिए लाखों बच्चों और शिक्षित बेरोजगारों का भविष्य तक दांव में लगाया जा रहा है। शहर कांग्रेस अध्यक्ष अशोक सिंह ने कहा कि सरकार की यह नीति शिक्षा और रोजगार विरोधी है। सरकार की इस नीति से हजारों स्कूली बच्चों के साथ शिक्षित बेरोजगारों के रोजी रोटी पर संकट आ जाएगा। प्रदेश युवा कांग्रेस के सचिव आकाश केशरवानी ने कहा कि सरकार की यह नीति नीजि शैक्षणिक संस्थानो को लाभ पहुंचाने के लिए अपनाई जा रही है।
प्रदेश के राज्यपाल के नाम कांग्रेस ने सौंपा ज्ञापन
सभा के पश्चात रैली के शक्ल में कांग्रेस के सैकड़ों कार्यकर्ता प्रदेश की भाजपा सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए ब्लॉक शिक्षा ऑफिस कवर्धा का घेराव करने पहुंचे। कांग्रेािसयों की भारी भीड़ और किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए यहां बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। बावजूद इसके कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया व अंत में महामहिम राज्यपाल के नाम से प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। धरना प्रदर्शन के कार्यक्रम में शितेष चन्द्रवंशी, गोपाल चन्द्रवंशी, मेहुल चन्द्रवंशी, वीरेन्द्र जांगड़े, सीता धुर्वे, रामायण सिन्हा, बालमिकी वर्मा, सुरेश वर्मा, राहुल सिन्हा, प्रदीप चन्द्राकर सहित सैकड़ों की संख्या में कांग्रेस के पदाधिकारी व कार्यकर्ता शामिल थे।
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