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शिक्षा के क्षेत्र में डॉ. रमेश चन्द्रवंशी का अद्वितीय कीर्तिमान

तेरह विषयों में स्नातकोत्तर उपाधि हासिल कर रचा इतिहास

कवर्धा। जिले से शिक्षा के क्षेत्र में एक असाधारण उपलब्धि सामने आई है, जिसने पूरे राज्य का ध्यान अपनी ओर खींचा है। शासकीय हाई स्कूल छिरहा में प्राचार्य का दायित्व निभा रहे गणित विषय के व्याख्याता व ग्राम परसवारा निवासी डॉ. रमेश चन्द्रवंशी ने अपनी अविश्वसनीय सीखने की ललक और समर्पण से एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। उन्होंने हाल ही में पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर से स्वाध्यायी छात्र के रूप में एम.ए. अंतिम अंग्रेजी की परीक्षा उत्तीर्ण कर कुल तेरह विषयों में स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त कर लिया है। यह उपलब्धि उन्हें जिले व प्रदेश का पहला और एकमात्र व्यक्ति बनाता है, जिसने शिक्षा के इस शिखर को छुआ है। उनकी यह उपलब्धि न केवल उनके व्यक्तिगत समर्पण को दर्शाता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि ज्ञान की कोई सीमा नहीं होती और निरंतर सीखने की इच्छा रखने वाले किसी भी लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। डॉ. रमेश चन्द्रवंशी का अकादमिक सफर दशकों पुराना है, जो सीखने और सिखाने के प्रति उनकी गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने 1996 में पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर के अध्ययन शाला से एम.एस-सी. गणित में प्रावीण्य सूची में पाँचवें स्थान पर रहते हुए अपनी स्नातकोत्तर यात्रा की शुरुआत की थी। इसके बाद उन्होंने अपनी विशेषज्ञता को शिक्षा के क्षेत्र में विस्तारित किया। उन्होंने सन 2005 में शासकीय शिक्षा महाविद्यालय, रायपुर से नियमित छात्र के रूप में जनभागीदारी विद्यालयों के संगठनात्मक वातावरण, उपलब्ध सुविधाओं एवं समस्याओं का विश्लेषणात्मक अध्ययन विषय पर लघु शोध कार्य सफलतापूर्वक पूरा करते हुए प्रथम श्रेणी में मास्टर ऑफ एजुकेशन की उपाधि प्राप्त किया। उनकी स्नातकोत्तर की यात्रा यहीं नहीं रुकी। डॉ. चन्द्रवंशी ने लगातार विभिन्न विषयों में महारत हासिल करते हुए अपनी ज्ञान की परिधि को बढ़ाया। उन्होंने 2004 में राजनीति विज्ञान, 2007 में अर्थशास्त्र, 2009 में इतिहास, 2011 में हिन्दी साहित्य, 2013 में समाजशास्त्र, 2015 में लोक प्रशासन, 2017 में भूगोल, 2019 में दर्शनशास्त्र, 2021 में प्राचीन भारतीय इतिहास, और 2023 में भाषाविज्ञान में मास्टर डिग्री प्राप्त की। उनकी नवीनतम उपलब्धि 2025 में अंग्रेजी में मास्टर डिग्री प्राप्त करना है, जिसने उनके असाधारण अकादमिक सफर को तेरहवें स्नातकोत्तर के साथ पूरा किया। यह दर्शाता है कि वे न केवल गणित और शिक्षा के क्षेत्र में निपुण हैं, बल्कि उन्होंने विभिन्न सामाजिक विज्ञान, मानविकी और भाषाओं में भी महारत हासिल की है। 


व्यावसायिक यात्रा और विशिष्ट पहचान


डॉ. रमेश चन्द्रवंशी ने न केवल अपने अकादमिक क्षेत्र में बल्कि एक शिक्षक और रिसोर्स पर्सन के रूप में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने सन 2008 से 2012 तक जिले के महराजपुर स्थित जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में गणित व्याख्याता के पद पर चार वर्ष की निर्धारित प्रतिनियुक्ति अवधि में सफलतापूर्वक सेवा दिया है। इस दौरान उन्होंने गणित विषय में अपनी विशिष्ट पहचान बनाया और रिसोर्स पर्सन के रूप में भी अपनी सेवाएँ प्रदान किया है। उनकी विशेषज्ञता केवल विश्वविद्यालयी शिक्षा तक सीमित नहीं है। डॉ. चन्द्रवंशी ने मैनेजमेंट के क्षेत्र में भी प्रतिष्ठित प्रशिक्षण प्राप्त किया है। उन्होंने देश के प्रतिष्ठित संस्थान आई.आई.एम. लखनऊ से पर्सनल ग्रोथ थ्रो सेल्फ एक्सप्लोरेशन विषय पर तथा एन.सी.ई.आर.टी. के अंतर्गत क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान, श्यामल हिल्स, भोपाल से गणित में की रिसोर्स पर्सन्स के रूप में प्रशिक्षण प्राप्त किया है। यह दर्शाता है कि वे सिर्फ ज्ञान अर्जित करने वाले नहीं, बल्कि उसे साझा करने और दूसरों को सशक्त बनाने में भी विश्वास रखते हैं।


सम्मान और सामाजिक योगदान


डॉ. रमेश चन्द्रवंशी के असाधारण योगदान को पहचान मिली है। उन्हें छत्तीसगढ़ शासन ने राज्य शिक्षक पुरस्कार-2024 अर्थात राज्यपाल पुरस्कार के लिए भी चयनित किया है, जो उनके शिक्षण और अकादमिक उत्कृष्टता की एक और पुष्टि है। इसके अलावा उन्हें कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के पुरस्कारों से भी सम्मानित किया जा चुका है, जो शिक्षा के क्षेत्र में उनके बहुमूल्य योगदान को रेखांकित करता है।


कर्मचारी हितों के संरक्षक व कुशल नेतृत्वकर्ता


अकादमिक कार्यों के अलावा डॉ. रमेश चन्द्रवंशी कर्मचारी हितों के लिए भी समर्पित रूप से कार्य करते हैं। वर्तमान में वे छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष के रूप में शिक्षकों को कुशल नेतृत्व प्रदान कर रहे हैं, उनके अधिकारों और कल्याण के लिए सक्रिय रूप से कार्यरत हैं। यह उनके बहुआयामी प्रतिभा और समाज के प्रति उनके गहरे सरोकार को दर्शाता है।


प्रेरणा के स्रोत


डॉ. रमेश चन्द्रवंशी की यह अद्वितीय उपलब्धि न केवल उनके व्यक्तिगत समर्पण और ज्ञान की प्यास का परिणाम है, बल्कि यह उन सभी के लिए एक प्रेरणा है जो शिक्षा के माध्यम से अपने जीवन को बेहतर बनाना चाहते हैं। डॉ. चन्द्रवंशी ने साबित कर दिया है कि सीखने की कोई उम्र नहीं होता, दृढ़ संकल्प, कड़ी मेहनत, सीखने की अटूट इच्छा व निरंतर प्रयास से कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। उनकी यह उपलब्धि न केवल कवर्धा जिले के लिए गर्व का विषय है, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ और देश के लिए एक प्रेरणा स्रोत है। वास्तव में वे एक मिसाल है, जिसे आने वाली पीढियां याद रखेंगी और अपने सपनों को पूरा करने के लिए उनसे प्रेरणा प्राप्त करेगी। 

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